रविवार 9 मार्च 2025 - 04:12
8 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 9 मार्च 2025

हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 8 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 9 मार्च 2025

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

☀ आज

रविवार: रमज़ान उल मुबारक 1446 की 8 और मार्च 2025 की 9 तारीख हैं।

☀ घटनाएँ:

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☀ पूर्ववर्ती घटनाएँ:

▪️3 दिन उम्मुल मोमेनीन हज़रत खदीज़ा (स) की वफ़ात मे

▪️8 दिन इमाम हसन मुज्तबा (स) की विलादत मे

▪️12 दिन पहली शब ए क़द्र मे

▪️14 दिन अमीरुल मोमेनीन (अ) की शहदत मे

▪️16 दिन दूसरी शब ए क़द्र मे

☀आज का दिन मख़सूस है:

1- मौला ए मुवाहेदीन अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली  इब्ने अबी तालिब अलैहिस सलाम

2- इस्मतुल कुबरा हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा

☀ आज के अज़कार:

- या ज़लजलाले वल इकराम  100 बार

- इय्याका नअबोदू वा इय्याका नस्तईन 1000 बार

- या फ़त्ताहो 489 बार

☀ इमाम हसन अस्करी (अ.स.) का फ़रमान:

आज रविवार को, दो सलाम के साथ चार रकात नमाज़ अदा करें, प्रत्येक रकअत में सूरह अल-हमद के बाद सूर ए मुल्क पढ़े, तो अल्लाह तआला उसे स्वर्ग मे मनचाहा स्थान प्रदान करेगा। (मफ़ातीह अल जेनान)

☀ रविवार के दिन की दुआः

بِسْمِ اللّهِ الرَحْمنِ الرَحیمْ؛  बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम   

अल्लाह के नाम से ( शुरू करता हूं) जो बड़ा दयालू और रहम वाला है।

بِسْمِ اللّهِ الَّذِی لاَ أَرْجُو إلاَّ فَضْلَہُ، وَلاَ أَخْشیٰ إلاَّ عَدْلَہُ، وَلاَ أَعْتَمِدُ बिस्मिल्लाहिल लज़ी ला अरजू इल्ला फ़ज़्लहू, वला अख़्शा इल्ला अदलहू, व ला आअतमेदो

उस अल्लाह के नाम से जिसके फ़ज़्ल व करम ही का उम्मीदवार हूँ और  उसके अद्ल ही से डरता हूँ और उसके क़ौल पर भरोसा रखता हूँ

إلاَّ قَوْلَہُ، وَلاَ ٲُمْسِکُ إلاَّ بِحَبْلِہِ، بِکَ أَسْتَجِیرُ یَا ذَا الْعَفْوِ وَالرِّضْوانِ مِنَ الظُّلْمِ  इल्ला क़ौलहू, वला उमसेको इल्ला बेहब्लेहि, बेका अस्तजीरो या ज़ल अफ़्वे वर रिज़्वाने मेनज़ ज़ुल्मे

और उसकी रस्सी पकड़े हुए हूँ और दर गुज़र करने और राज़ी हो जाने वाले (खुदावंद) मे ज़ुल्म  

وَالْعُدْوانِ، وَمِنْ غِیَرِ الزَّمانِ، وَتَواتُرِ الْاَحْزانِ، وَطَوارِقِ الْحَدَثانِ، وَمِنِ انْقِضَائِ  वल उदवाने, व मिन ग़ैरिज़ जमाने, व तवातोरिल अहज़ाने, व तवारेक़िल हदसाने, व मेनन क़ेज़ाए

और दुशमनी से- और ज़माने के तग़ीरात से पय दर पय ग़मो से और पेश आने वाले हादसो  से और आख़ेरत के लिए ख़ैर व नेकी के 

الْمُدّ ۃِ قَبْلَ التَّأَھُّبِ وَالْعُدَّۃِ، وَ إیَّاکَ أَسْتَرْشِدُ لِمَا فِیہِ الصَّلاَحُ وَالْاِصْلاحُ، وَبِکَ   अल मुद्दते क़ब्लत तअह्होबे वल उद्दते, व इय्याका असतरशेदो लेमा फ़ीहिस सलाहो वल इस्लाहो, व बेका

ज़खीरा की फ़राहमी से पहले ज़िदगी ख़त्म होने से तेरी पनाह चाहता हूँ और जिस चीज़ मे बेहतरी व दररुस्ती है उस मे तेरी  

أَسْتَعِینُ فِیَما یَقْتَرِنُ بِہِ النَّجَاحُ وَالاِِ نْجَاحُ، وَ إیَّاکَ أَرْغَبُ فِی لِبَاسِ الْعافِیَۃ  अस्तईनो फ़ीमा यक़तरेनो बेहिन नेजाहो व इल्लन जाहो, व इय्याका अरग़बो फ़ी लेबासिस आफ़ीयते

रहबरी चाहता हूँ और जिस चीज़ मे तेरी मदद चाहता हूं जिसमे कामयाबी व सहूलत हो  और तुझ से मुकम्मल सेहत व तंदरूस्ती की तमन्ना रखता  

وَتَمامِہا وَشُمُولِ السَّلاَمَۃِ وَدَوامِھَا، وَأَعُوذُ بِکَ یَا رَبِّ مِنْ ھَمَزاتِ الشَّیَاطِینِ،  व तमामेहा व शुमुलिस सलामते व दवामेहा, व आऊज़ो बेका या रब्बे मिन हमाज़तिश शयातीने

हूँ कि जिस मे हमेशा की सलामती भी शामिल हो खुदाया मै शैतानी वसवसो से तेरी पनाह चाहता हूँ

وَأَحْتَرِزُ بِسُلْطانِکَ مِنْ جَوْرِ السَّلاَطِینِ، فَتَقَبَّلْ مَا کَانَ مِنْ صَلاَتِی وَصَوْمِی،  व अहतरेज़ो बेसुलतानेका मिन जौरिस सलातीने, फ़तक़ब्बल मा काना मिन सलाती व सौमी

और बादशाहो के ज़ुल्म के मुकाबिल तेरी सलतनत की पनाह लेता हूँ बस मेरी नमाज़े और रोज़े जैसे भी है उन्हे क़ुबूल फ़रमा  

وَ اجْعَلْ غَدِی وَمَا بَعْدَہُ أَ فْضَلَ مِنْ سَاعَتِی وَیَوْمِی، وَأَعِزَّنِی فِی عَشِیرَتِی وَ  वज्अल ग़दी व मा बादहू अफ़जला मिन साअती व यौमी, व आइज़्ज़नी फ़ी अशीरती व

कल का दिन और उस से अगले वक्त को मेरी आज के दिन और इस घड़ी से बेहतर बना दे मुझे अपने क़बीले और क़ौम मे  

قَوْمِی، وَاحْفَظْنِی فِی یَقْظَتِی وَنَوْمِی، فَأَنْتَ اللّهُ خَیْرٌ حَافِظاً، وَأَ نْتَ أَرْحَم  क़ौमी, वहफ़ज़्नी फ़ी यक़्ज़ती व नौमी, फ़अन्तल्लाहो ख़ैरुन हाफ़ेज़ा, व अंता अर्रहम

इज़्ज़त अता फ़रमा खाब और बेदारी हर हाल मे मेरी हिफ़ाज़त फ़रमा। ऐ अल्लाह तू बेहतरीन नेगेहबान है और सबसे ज़ियादा रहम 

الرَّاحِمِینَ۔ اَللّٰھُمَّ إنِّی أَبْرَٲُ إلَیْکَ فِی یَوْمِی ھذَا وَمَا بَعْدَہُ مِنَ الْاَحادِ، مِنَ الشِّرْکِ अर राहैमीना। अल्लाहुम्मा इन्नी अब्रओ इलैका फ़ी यौमी हाज़ा वमा बादहू मेनल हादे, मिनश शिरके

करने वाला है। ऐ अल्लाह मै तेरे हुजूर मे आज के दिन और इस से अगले इतवार के दिनो मे शिर्क व बे दीनी 

وَالْاِلْحَادِ، وَٲُخْلِصُ لَکَ دُعَائِی تَعَرُّضاً لِلاِِْجَابَۃِ، وَٲُقِیمُ عَلَی طَاعَتِکَ رَجَائً वल इल्हादे, व उख्लेसो लका दुआई तअर्ररोज़न लिइजाबते, व अक़ीमो अला ताअतेका रजाई

से बरी हूँ और ख़ुलूस के साथ तुझ से दुआ करता हूँ कि क़ुबूल हो जाए और मै सवाब की उम्मीद पर तेरी इताअत 

لِلاِِْثَابَۃِ، فَصَلِّ عَلَی مُحَمَّدٍ خَیْرِ خَلْقِکَ، الدَّاعِی إلَی حَقِّکَ، وَأَعِزَّ نِی بِعِزِّکَ الَّذِی लिल इसाबते, फ़सल्ले अला मुहम्मदिन खैरे ख़ल्क़ेका, अद दाई इला हक़्क़ेका, व आइज़्ज़ा नी बेइज़्ज़तेका रजाई

पर क़ायम हूँ बस तू बेहतरीन मख़लूक़ और हक़ के दाई मुहम्मद मुस्तफ़ा (स) पर रहमत नाज़िल फ़रमा और अपनी इज़्ज़त के सदके मुझे वह इज़्ज़त दे जिस मे 

لاَ یُضَامُ، وَاحْفَظْنِی بِعَیْنِکَ الَّتِی لاَ تَنَامُ، وَاخْتِمْ بِالانْقِطَاعِ إلَیْکَ أَمْرِی، وَبِالْمَغْفِرَۃِ ला योज़ामो, वहफ़ज़्नी बेऐनेकल लती ला तनामो, वख्तिम बिल इन्केताऐ इलैका अमरी, व बिलमग़फ़ेरते

ज़ुल्म ना हो अपनी ना सोने वाली ऑख से मेरी निगेहबानी फ़रमा। मेरा ख़ात्मा यू हो कि तुझी से उम्मीद लगाए रखू और मेरी ज़िदगी को बख्शिश पर  

عُمْرِی، إنَّکَ أَ نْتَ الْغَفُورُ الرَّحِیمُ۔  उमरी, इन्नका अंतल ग़फ़ूरुर रहीमो।

तमाम कर दे। बे शक तू बख़श्ने वाला मेहरबान है।

☀ हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ) की ज़ियारतः 

रविवारः यह हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ) का दिन है। इस दिन अमीरुल मोमेनीन (अ) की ज़ियारत पढ़े जैसा कि रिवायत मे है कि एक व्यक्ति ने जागने की हालत मे इमाम जमाना (अ) को देखा कि आप (अ) अमीरुल मोमेनीन (अ) की यह ज़ियारत पढ़ रहे है। 

اَلسَّلاَمُ عَلَی الشَّجَرَۃِ النَّبَوِیَّۃِ وَالدَّوْحَۃِ الْھَاشِمِیَّۃِ الْمُضِییَۃِ الْمُثْمِرَۃِ بِالنُّبُوَّۃِ الْمُونِقَۃِ अस्सलामो अला शजरतिन नबूवते वद दौहतिल हाशेमिय्यतिल मुज़ीयतिल मुसमेरते बिन नबूवतिल मूनेक़ते

दरखशा शज्ररा नबूवीया और गुलज़ारे हाशमिय्या पर सलाम हो जो नबूवत से समर आवर हुआ है और इमामत से 

بِالْاِمَامَۃِ وَعَلی ضَجِیعَیْکَ آدَمَ وَنُوحٍ عَلَیْھِمَا اَلسَّلاَمُ اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ وَعَلَی ٲَھْلِ بَیْتِکَ बिल इमामते व अला ज़जीऐका आदमा व नूहिन अलैहेमस सलामो अस सलामो अलैका व अला अहले बैतेका

लहराया है। और आदम व नूह पर सलाम हो जो आपके पास दफन है। आप पर सलाम हो और आपके अहले बैत (अ) पर 

الطَّیِّبِینَ الطَّاھِرِینَ اَلسَّلاَمُ عَلَیْکَ وَعَلَی الْمَلائِکَۃِ الْمُحْدِقِینَ بِکَ وَالْحَافِّینَ بِقَبْرِکَ अत तय्येबीनत ताहेरीना अस सलामो अलैका व अलल मलाएकतिल मोहदक़ीना बेका वल हाफ़्फ़ीना बेक़बरेका

जो पाको पाकीज़ा है। आप पर सलाम हो और उन फ़रिश्तो पर जो आप के दरवाज़े पर खड़े है और आपकी क़ब्र को घेरे हुए है

یَا مَوْلایَ یَا ٲَمِیرَ الْمُؤْمِنِینَ ھَذاَ یَوْمُ الْاَحَدِ وَھُوَ یَوْمُکَ وَبِاسْمِکَ وَٲَ نَا ضَیْفُکَ فِیہِ या मौलाया या अमीरल मोमेनीना हाज़ा यौमुल अहदे वहोवा यौमोका व बेइस्मेका व अना ज़ैफ़ोका फ़ीहे

ऐ मेरे मौला (अ) ऐ मोमिनो के अमीर यह रविवार का दिन है और यही आपका दिन है और आपके नाम से मंसूब है और मै इस दिन मे आपका 

وَجارُکَ فَٲَضِفْنِی یَا مَوْلایَ وَٲَجِرْنِی فَ إنَّکَ کَرِیمٌ تُحِبُّ الضِّیافَۃَ وَمَٲْمُورٌ व जारुक फ़अज़िफ़्नी या मौलाया व अजिरनी फइन्नका करीमुन तोहिब्बुज़ ज़ियाफ़ता व मामूरुन

मेहमान और आपकी पनाह मे हूँ। बस मेरे मौला (अ) मुझे मेहमान कीजिए और पनाह दीजिए कि बेशक आप सख़ी, मेहमान नवाज़ और पनाह देने पर मामूर  

بِالْاِجارَۃِ فَافْعَلْ مَا رَغِبْتُ إلَیْکَ فِیہِ وَرَجَوْتُہُ مِنْکَ بِمَنْزِلَتِکَ وَآلِ بَیْتِکَ عِنْدَ बिल इजारते फ़फ़्अल मा रग़िब्तो इलैका फ़ीहे व रजौतोहू मिन्का बेमंज़ेलतेका व आले बैयतेका इन्दा

है। बस मेरे मक़सद से मै इस दिन हाज़िर हुआ हूँ और आप से जो आरज़ू रखता हूँ पूरी फ़रमाए अपनी और अपने ख़ानदान की खुदा के

اللّهِ، وَمَنْزِلَتِہِ عِنْدَکُمْ، وَبِحَقِّ ابْنِ عَمِّکَ رَسُولِ اللّهِ صَلَّی اللّهُ عَلَیْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ अल्लाहे, व मंज़ेलतेहि इनंदकुम, व बेहक़्क़े इब्ने अम्मेका रसूलिल्लाहे सल्लल्लाहो अलैहे व आलेहि वसल्लम

हा बुलंदी के वास्ते और खुदा की मंज़िलत के वास्ते जो आपके नज़दीक है और अपने चचेरे भाई हज़रत रसूल के हक़ के वास्ते मेरी आरज़ू पूरी कीजिए 

وَعَلَیْھِمْ ٲَجْمَعِینَ ۔ व अलैहिम अजमईना

आंहज़रत और इन सब पर दुरूद व सलाम हो।

☀ हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की ज़ियारत 

زیارت حضرت فاطمہ زہرا سلام اللہ علیہا

اَلسَّلاَمُ عَلَیْکِ یَا مُمْتَحَنَۃُ، امْتَحَنَکِ الَّذِی خَلَقَکِ فَوَجَدَکِ لِمَا امْتَحَنَکِ صَابِرَۃً، अस सलामो अलैके या मुम्तहनतो, इम्तहनकिल लज़ी ख़लक़के फ़वजदके लेमा इमतहनेके साबेरतन

आप पर सलाम हो ऐ आज़माई हुई ज़ात। आपके ख़ालिक़ ने आपका इम्तेहान लिया तो उसने आपको इम्तेहान मे सब्र करने वाली पाया

ٲَنَا لَکِ مُصَدِّقٌ صَابِرٌ عَلَی مَا ٲَتی بِہِ ٲَبُوکِ وَوَصِیُّہُ صَلَواتُ اللّهِ عَلَیْھِما، इन्ना लके मुसद्देक़ुन साबेरुन अला मा अता बेहि अबूके व वसीय्यतो सलवातुल्लाहे अलैहेमा

मै आप पर ईमान रखता हूँ जो कुछ आपके वालिद गिरामी और उनके वसी को दिया गया उस पर साबित क़दम हूँ इन दोनो पर खुदा की रहमत हो 

وَٲَ نَا ٲَسْٲَ لُکِ إنْ کُنْتُ صَدَّقْتُکِ إلاَّ ٲَ لْحَقْتِنِی بِتَصْدِیقِی व अना अस्अलोके इन कुंतो सद्दकतोके इल्ला अलहक़तनी बेतस्तीक़ी

मै आपसे सवाल करता हूँ कि अगर मै आपकी तसदीक की है तो केवल इस लिए कि आप इस तसदीक़ के माध्यम से मुझे अपने बाबा 

لَھُمَا، لِتُسَرَّ نَفْسِی، فَاشْھَدِی ٲَ نِّی طاھِرٌ بِوَلاَیَتِکِ وَوَِلایَۃِ آلِ بَیْتِکِ लहुमा, ले तोसर्रा नफ़सी, फ़शहदी अन्नी ताहेरुन बेविलायतेके व विलायते आले बैतेके

और उनके वसी से मुलहक़ कर दीजिए ताकि मुझे खुशी मिले। ऐ बीबी (स) गवाह रहना कि मै आपकी और आपके खानदान की विलायत की ताईद करता हूँ  

صَلَوَاتُ اللّهِ عَلَیْھِمْ ٲَجْمَعِینَ सलवातुल्लाहे अलैहिम अजमईना

इन सब पर खुदा की रहमते हो।

☀ हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की दूसरी ज़ियारत 

اَلسَّلاَمُ عَلَیْکِ یَا مُمْتَحَنَۃُ امْتَحَنَکِ الَّذِی خَلَقَکِ قَبْلَ ٲَنْ یَخْلُقَکِ وَکُنْتِ لِمَا अस सलामो अलैके या मुम्तहनतो इम्तहनेकिल लज़ी ख़लक़के क़ब्ला अन यख़लोक़के  व कुन्ते लेमा

आप पर सलाम हो ए आज़माई हुई ज़ात आपके ख़ालिक़ ने आप की तखलीक़ से पहले आपका इम्तेहान लिया और ऐ बीबी आप इम्तेहान 

امْتَحَنَکِ بِہِ صَابِرَۃً وَنَحْنُ لَکِ ٲَوْ لِیَائٌ مُصَدِّقُونَ وَ لِکُلِّ مَا ٲَتی بِہِ ٲَبُوکِ صَلَّی اللّهُ इम्तहनके बेहि साबेरतन व नहनो लके औलेयाउन मुसद्देक़ूना व लेकुल्ले मा अता बेहि अबूके सल्ल्लाहो

मे सब्र करने वाली निकली हम आपके मोहिब और तसदीक करने वाले है। आप के और जो कुछ आपके बाब मुहम्मद  

عَلَیْہِ وَآلِہِ وَسَلَّمَ وَٲَتی بِہِ وَصِیُّہُں مُسَلِّمُونَ وَنَحْنُ نَسْٲَ لُکَ اَللّٰھُمَّ إذْ کُنَّا مُصَدِّقِینَ अलैहे व आलेहि व सल्लम व अता बेहि वसीय्यीना मुसल्लेमूना व नहनो नस्अलोका अल्लाहुम्मा इज़ कुन्ना मुसद्देक़ीना

को दिया गया और जो कुछ उनके वसी अली मुर्तज़ा - को दिया गया, उसे तसलीम करने वाले है और हम सवाल करते है तुझ से ऐ माबूद कि जब दम 

لَھُمْ ٲَنْ تُلْحِقَنَا بِتَصْدِیقِنا بِالدَّرَجَۃِ الْعَالِیَۃِ لِنُبَشِّرَ ٲَنْفُسَنَا بِٲَنَّا قَدْ طَھُرْنا लहुम अन तुलहेक़ना बेतसदीक़ेना बिद दरजतिल आलीये

इन हस्तियो की तसदीक़ करते है तो हमे इस तसदीक़ की बदौलत दरजा आलीया पर पहुंचा देना कि हम ख़ुद को बशारत सुनाऐ कि हम अहले बैत की 

بِوِلایَتِھِمْ عَلَیْھِمُ اَلسَّلاَمُ ۔ बेविलायतेहिम अलैहेमुस सलामो।

विलायत को मानने से पाक दिल हो गए।

الـّلـهـم صـَل ِّعـَلـَی مـُحـَمـَّدٍ وَ آلِ مـُحـَمـَّدٍ وَ عـَجــِّل فــَرَجـَهـُم

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